वक्त का कटु खंजर, चला था, जिसको जो मिला, उसने उसको लूटा। वक्त का कटु खंजर, चला था, जिसको जो मिला, उसने उसको लूटा।
दर्द दर्द
मैं रिसता रहा रिसता रहूंगा तू क्या जाने पीर मेरा। मैं रिसता रहा रिसता रहूंगा तू क्या जाने पीर मेरा।
मैं सोचती हूँ और डरती हूँ कहीं वक़्त के तूफ़ान में मैं भी उड़ न जाऊं। मैं सोचती हूँ और डरती हूँ कहीं वक़्त के तूफ़ान में मैं भी उड़ न जाऊं।
अब जो तू सामने नहीं है सनम दिल यु मायूस हो जाता है अब जो तू सामने नहीं है सनम दिल यु मायूस हो जाता है
कहने को तो मर्द ताकतवर होता है, पर उससे बड़ा कमजोर कोई नहीं होता! कहने को तो मर्द ताकतवर होता है, पर उससे बड़ा कमजोर कोई नहीं होता!